Krina Hindi Film Is Story Of Young Boy With Super Power – Director Shyamal K. Mishra
‘क्रिना’ सुपर पावर रखने वाले युवा की कहानी है: निर्देशक श्यामल के. मिश्रा
‘क्रिना’ और क्रिश, दोनो सुपर हीरो हैं मगर कहानी एकदम अलग है: निर्देशक श्यामल के. मिश्रा
मुम्बई वास्तव में एक मायानगरी है जहां चमत्कार होते रहते है, इंसान यहां बनने कुछ और आता है और बन कुछ और जाता है। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से एक नौजवान श्यामल के. मिश्रा कुछ काम करने के लिए मुंबई आया था। लेकिन किस्मत उसे फिलमी दुनिया मे ले गई और विपुल शाह की फिल्म “आँखें” में सहायक निर्देशक के तौर पर शुरुआत की। इसके बाद श्यामल टेलीविजन में व्यस्त हो गए। दूरदर्शन के लिए “संकट मोचन हनुमान” धारावाहिक स्वतंत्र निर्देशक के रूप में किया। फिर आस्था हेतु “जय जय जय बजरंगबली” की भी कमान संभाली। लेकिन मन फिल्मों को डायरेक्ट करने का बना चुके थे। उनकी पहली फिल्म “रेशम डंक” सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही प्रदर्शित हो पायी। पर, खूब सराही गयी। श्यामल इन दिनों अपनी दूसरी फिल्म “क्रिना” को लेकर चर्चा में हैं, जो 8 जून को समस्त भारत मे प्रदर्शित हो रही है। निर्देशक श्यामल के. मिश्रा से बातचीत पेश की जा रही है।
◆ क्या है फिल्म “क्रिना” ?
- “क्रिना” कबायली क्षेत्रों की कहानी है। एक क्षेत्र का सरदार आतातायी है, जो लोगों की ज़िंदगी नर्क बनाए हुए है। क्रिना निर्वासित जीवन जी रहा एक किशोर है। हालात कुछ ऐसे बदलते है कि वह अपने कबीले में वापस आता है। अपने क्षेत्र की दुर्दशा, लोगों का नरकीय जीवन देख कर वह खौल उठता है। फिर पता चलता है कि उसके माता पिता जीवित हैं और कबीले के कमीने सरदार की क़ैद में हैं।
फिर क्रिना में सुपर पावर आ जाती है और कुछ विशिष्ट होता है। किन्तु, क्रिश जैसा नहीं है ! क्रिना माता का भक्त है। वह मां से शक्ति मांगता है, उसकी प्रार्थना स्वीकार होती है और उसमे कुछ अद्भुत शक्ति आ जाती है।
◆ क्रिना की भूमिका किसने निभाई है ?
- फ़िल्म का टाइटल रोल पार्थ सिंह चौहान ने निभाया है। नया एक्टर होते हुए भी उसने बड़ा ही सुलझा और सधा हुआ काम किया है। मुझे खुशी इस बात की है कि उसने मेरे हर निर्देश और हर इशारे को बड़ी बारीकी से समझा और क्रिना जैसे चुनौतीपूर्ण किरदार को जीवंत कर दिया।
◆ फ़िल्म में और कौन कौन से कलाकार है और वे किस रूप में दिखाई देंगे ?
◆ सुदेश बेरी और शहबाज खान दो अलग अलग कबीले के सरदार के रोल में हैं। सुदेश जहाँ दिल के अच्छे इंसान हैं और क्रिना को आश्रय देते हैं ; वहीं शहबाज आतातायी हैं। सुधा चंद्रन वह पहली स्त्री हैं जो विरोध का स्वर बुलंद करती हैं। दीपशिखा और इंदर कुमार क्रिना के माता पिता हैं और शहबाज खान की कै़द में हैं। तुनिषा शर्मा वह लड़की है, जो क्रिना की मदद करती है। वह सुदेश बेरी की बेटी है और क्रिना से प्रेम भी करने लगी है।
◆ इंद्र कुमार के साथ आपने इसमे काम किया, उनसे कितना सहयोग मिला था आपको ?
- इंदर कुमार ने बहुत सहयोग किया। हमेशा दोस्त जैसा व्यवहार किया। दुर्भाग्यवश वह अब हमारे बीच नहीं रहे। अफसोस होता है कि हमने एक अच्छा अभिनेता, एक प्यारा इंसान खो दिया।
◆ एक्शन वाली फिल्म में गीत संगीत की सिचुएशन निकालना मुश्किल होता है?
- बेशक यह फिल्म एक्शन वाली है और भरपूर एक्शन भी है। आर. पी. यादव का एक्शन शानदार है। लेकिन, संंगीत का बेहतर स्कोप है ।संगीतकार दिलीप सेन ने लंबे अर्से बाद किसी फिल्म में संगीत दिया है और बड़ी
अच्छी कर्णप्रिय धुनें बनाई है।
◆ फ़िल्म के निर्माता के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे ?
- मैं हरविंद सिंह चौहान का बेहद शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी। मुझ पर भरोसा किया। वह एक सज्जन पुरुष हैं और भाई की तरह सहयोग दिया, सलाह करते रहे, हर तरह की सुविधाएं मुझे मुहैया कराई।
◆ कैसी फिल्में बनाना आपको पसन्द है ?
- एक्शन फिल्में बनाने में मेरी रूचि अधिक है। एक्शन फिल्में एवरग्रीन होती हैं।
◆ आपके प्रिय निर्देशक कौन हैं ?
- मैं रोहित शेट्टी का जबरदस्त फैन हूँ। वह मल्टी टैलेंटेड डायरेक्टर हैं। जितनी अच्छी उनकी एक्शन फिल्में होती हैं, उतनी ही कॉमेडी भी। मैं उनकी मेकिंग, स्टोरी टेलिंग और नरेशन का कायल हूँ।
– दर्शकों से आप अपनी फिल्म को लेकर क्या कहना चाहेंगे?
* मैं तमाम सिनेमा प्रेमियों से यही कहना चाहूंगा कि वह 8 जून को अपने करीबी थिएटर में फ़िल्म क्रीना देखें, उन्हें निराशा नही होगी। एक पैसा वसूल फ़िल्म है।
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