Producer Harvind Singh Chauhan – Krina Is Afilm Where Krina Arrives To Destroy The Criminals
ज़ालिमों का नाश करने के लिए आता है क्रीना : निर्माता हरविंद सिंह चौहान।
“क्रीना” अनाचार के ऊपर सदाचार की विजय की कहानी है
—- निर्माता हरविंद सिंह चौहान
फ़िल्म के नाम से लेकर फ़िल्म की कहानी और सब्जेक्ट तक कुछ नया और अलग करने की कोशिश आज हर निर्माता निर्देशक की होती है। पार्थ फिल्म्स् इंटरनेशनल के बैनर तले बनी निर्माता हरविंद सिंह चौहान की हिन्दी मूवी “क्रीना” भी एक नये विषय को लेकर युवाओं को प्रेरित करती एक सामाजिक फिल्म है। अलीगढ़ के ठाकुर हरविंद सिंह “क्रीना” से बहुत बहुत उम्मीद रखते हैं। बिजनेस मैन चौहान की बतौर निर्माता भले ही यह पहली फिल्म है, लेकिन उन्होंने फिल्म निर्माण की सारी बारीकियों को नजदीक से देखा सुुुना और समझा है ताकि फ़िल्म बनाने में तकनीकी स्तर पर कोई कमी न रह जाये । “क्रीना” को लेकर निर्माता एच. एस. चौहान से हुई बातचीत के अंश प्रस्तुत किये जा रहे हैं :
◆ फिल्म “क्रीना”को आप कैसे डिस्क्राइब करेंगे?
★ देखिये यह आदिवासियों के जीवन पर आधारित एक सामाजिक चेतना जगाने वाली फिल्म है। दरअसल यह आदिवासी कबीलों की कहानी है। कबीले का सरदार ज़ालिम है। वह दरिंदगी की हद तक जाकर अपने क्षेत्र के लोगों का जीना दूभर कर देता है। जल संकट पैदा कर देता है। आवाज उठानेवालों को कारागार में बंद कर देता है, मार देता है।
◆ फिर फ़िल्म में हीरो की एंट्री कैसे होती हैं ?
★ हीरो बचपन में घर से गायब होने के बाद जवान होकर क्रीना बन कर लौटता है। देखता है कि कबीले के सारे लोग त्रस्त हैं। उनका सरदार जबरन अनाप शनाप कर वसूलता है। मनमानी करता है और विरोध करने वाले लोगों को या तो कारागार में बंद कर देता है या फिर रास्ते से हटाकर अपनी दहशत का डंका बजाकर हाहाकार मचा देता है। क्रीना का गरम खून उबाल लेने लगता है। वह अपनी प्रेमिका रूहानी के माता पिता को कारागार से कैसे निकालता है और अत्याचारी का अंत कैसे करता है… यही है “क्रीना” की कहानी।
◆ आदिवासियों के जीवन की त्रासदी के चित्रण में गीत संगीत और मनोरंजन का कितना स्कोप है ?
★ “क्रीना” में भरपूर मनोरंजन है। दिलीप सेन का मधुर संगीत है। एक्शन भी कमाल का है। शिव कुमार गौड़ा का छायांकन बेहद खूबसूरत है। फिल्म सबको पसंद आयेगी।
◆ “क्रीना” की कहानी क्या आपने अपने बेटे को ध्यान में रखकर चुनी थी ?
★ देखिये बचपन से ही मेरा सपना था कि मैं भी बिग स्क्रीन पर नज़र आऊं। लेकिन, समय निकलता गया। और फिर जब स्थिति बनी तो सोचा, मैं जो नहीं कर सका, क्यों न बेटे से करा दूँ ! इसलिए कहानी ऐसी चुनी जिसमें मेरा बेटा (पार्थ सिंह चौहान) फिट बैठ रहा था, कहानी उसके किरदार के ही इर्दगिर्द घूमती है।
◆ फिल्म में आपके पुत्र के अलावा कौन कौन से आर्टिस्ट हैं ?
★ मेरा पुत्र पार्थ सिंह चौहान शीर्षक भूमिका में है। उसकी नायिका है तुनिषा शर्मा। सहयोगी कलाकार के रूप में हैं — इंदर कुमार, दीपशिखा, सुदेश बेरी, शाहबाज खान, सुधा चंद्रन। श्यामल मिश्र निर्देशक हैं और सह निर्मात्री हैं अर्चना सिंह चौहान।
◆ दर्शकों को “क्रीना” के दर्शन कब होंगे ?
* फ़िल्म 8 जून को रिलीज करने का इटादा है। मुझे उम्मीद है कि फ़िल्म को दर्शक पसन्द करेंगे क्योंकि इसमें कहानी, डायलॉग, सिनेमेटोग्राफी, एक्टिंग और निर्देशन कमाल का है।
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